इश्क़ जब तुमको रास आएगा
ज़ख्म खाओगे मुस्कुराओगे
ज़ख्म खाओगे मुस्कुराओगे
देर तक दिल के पास बैठोगे
उसकी बाते उसे सुनाओगे
वो तुम्हे तोड़ - तोड़ डालेगा
तुम बहुत टूट - टूट जाओगे
याद आएंगी गुमशुदा नींदे
ख़्वाब रख - रख के भूल जाओगे।।
वो तुम्हे तोड़ - तोड़ डालेगा
तुम बहुत टूट - टूट जाओगे
याद आएंगी गुमशुदा नींदे
ख़्वाब रख - रख के भूल जाओगे।।
मिलने की तरह वो मुझसे पल भर नहीं मिलता
दिल उससे मिलता है जिससे मुक़द्दर नहीं मिलता
अपनी हालत का खुद अहसास नहीं मुझको
मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मै
रोज अच्छे नहीं लगते आँसू
ख़ास मौको पे मजा देते हैं
जिसे न आने की कस्मे दे आया हूँ
उसी के कदमो की आहट का इन्तेजार भी हैं।
आइना देखकर तसल्ली हुई
हमको इस घर में जनता हैं कोई
न क़ामयाब हुआ और न रह गया महरूम
बड़ा गज़ब हैं कि मंजिल पे खो गया हूँ मै
1 Comments
Aaina dekhkar tasalli Hui k,
ReplyDeleteHame jaanta bhi hai is Ghar me koe...
Gulzarsahab👌
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