Best Shayri of Dagh Dehlvi | Daag Dehlvi Collection

Daag Dehlvi Ke Kuch Behtareen Aur Chuninda Sher


सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं 
हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं
ख़त ग़ैर का पढ़ते थे जो टोका तो वो बोले 
अख़बार का परचा है ख़बर देख रहे हैं

'दाग़' इतराए हुए फिरते हैं आज 
शायद उन की आबरू होने लगी

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़' 
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं

इस नहीं का कोई इलाज नहीं 
रोज़ कहते हैं आप आज नहीं

ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा 
मैं जो कह दूँ आप पर मरता हूँ मैं

हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे 
तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ धर लेना

ख़बर सुन कर मिरे मरने की वो बोले रक़ीबों से 
ख़ुदा बख़्शे बहुत सी ख़ूबियाँ थीं मरने वाले में

हज़रत-ए-दाग़ जहाँ बैठ गए बैठ गए 
और होंगे तिरी महफ़िल से उभरने वाले





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