Nasir Kazmi Collection | Nasir Kazmi Poetry In Hindi Collections

  नासिर काज़मी


1. वो साहिलों पे गाने वाले क्या हुए

वो कश्तियाँ जलाने वाले क्या हुए


वो सुबह आते-आते रह गई कहाँ

जो क़ाफ़िले थे आने वाले क्या हुए


मैं जिन की राह देखता हूँ रात भर

वो रौशनी दिखाने वाले क्या हुए


2. तिरे आने का धोका सा रहा है

दिया सा रात भर जलता रहा है


वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का

जो पिछली रात से याद आ रहा है


3. नीयत-ए-शौक़ भर न जाये कहीं

तू भी दिल से उतर न जाये कहीं


न मिला कर उदास लोगों से 

हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं 


आओ कुछ देर रो ही लें 'नासिर' 

फिर ये दरिया उतर न जाए कहीं 


4. कौन अच्छा है इस ज़माने में !

क्यूँ किसी को बुरा कहे कोई !!

 

5. जुदा हुए हैं बहुत लोग एक तू भी सही

अब इतनी बात पे क्या ज़िन्दगी हराम करें

Post a Comment

0 Comments