मुझ निकम्मे को चुना उसने तरस खा के "उमैर"
देखते रह गए हसरत से बेचारे लायक
बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं
निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा
अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है
किसी गली में किराए पे घर लिया उस ने
फिर उस गली में घरों के किराए बढ़ने लगे
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