Mujh nikamme ko chuna usne | Umair Najmi Collection




मुझ निकम्मे को चुना उसने तरस खा के "उमैर"

देखते रह गए हसरत से बेचारे लायक 


बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं 

लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं 


निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा 

अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है


किसी गली में किराए पे घर लिया उस ने 

फिर उस गली में घरों के किराए बढ़ने लगे


Post a Comment

0 Comments