Teri mushkil na badhaunga chala jaunga
Ashk aankhon mein chhupaunga chala jaunga
Apni dahleez pe kuch der pada rahne de
Jaise hi hosh mein aaunga chala jaunga
Tum mere sang chalo ya na chalo
Main to awaz lagaunga chala jaunga
Muddaton baad main aaya hoon purane ghar mein
Khud ko jee bhar ke rulaunga chala jaunga
In galion se kuch bhi nai lena mujh ko
Bas tumhen dekhne aaounga chala jaunga
Main ne ye jang nahi chhedi apne liye
Takht pe tumko bithaunga chala jaunga
Is jazeera mein jyaada nahin rahna ab to
Aajkal naav banaunga chala jaunga
Mausam-e-gul ki tarah laut ke aaunga 'Hasan'
Har taraf phool khilaunga chala jaunga
- Hasan Abbasi
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तेरी मुश्किल न बढ़ाऊॅंगा चला जाऊॅंगा
अश्क आँखों में छुपाऊॅंगा चला जाऊॅंगा
अपनी दहलीज़ पे कुछ देर पड़ा रहने दे
जैसे ही होश में आऊॅंगा चला जाऊॅंगा
तुम मेरे संग चलो या न चलो
मैं तो आवाज़ लगाऊॅंगा चला जाऊॅंगा
चंद यादें मुझे बच्चों की तरह प्यारी हैं
उनको सीने से लगाऊँगा चला जाऊँगा
मुद्दतों बाद मैं आया हूँ पुराने घर में
ख़ुद को जी भर के रुलाऊँगा चला जाऊँगा
इन गलियों से कुछ नहीं लेना मुझको
बस तुमको देखने आऊँगा चला जाऊंगा
मैंने ये जंग नहीं छेड़ी अपने लिए
तुमको तख्त पर बिठाऊँगा चला जाऊंगा
इस जज़ीरे में ज़ियादा नहीं रहना अब तो
आजकल नाव बनाऊँगा चला जाऊँगा
मौसम-ए-गुल की तरह लौट के आऊँगा 'हसन'
हर तरफ़ फूल खिलाऊँगा चला जाऊँगा
- हसन अब्बासी
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