तहज़ीब हाफी की नई ग़ज़ल | Latest ghazal of Tahzeeb Haafi | Kaise Ye Sab Usne Mujhse Chhupkar Badla

Tahzeeb Haafi Latest Ghazal



कैसे उसने ये सब कुछ मुझसे छूपकर बदला
चेहरा बदला रास्ता बदला बाद में घर बदला।

मैं उसके बारे में ये कहता था लोगों से
मेरा नाम बदल देना वो शख्स अगर बदला।

वो भी खुश था उसने दिल देकर दिल माँगा है
मैं भी खुश हूँ मैंने पत्थर से पत्थर बदला।

मैंने कहा क्या मेरी खातिर खुद को बदलोगे
और फिर उसने नज़रें बदलीं और नंबर बदला।।



" है बे-लिहाज ऐसा के आंख लगने पर
 वो सर के नीचे से बाजू निकाल लेता है "

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