Itwar Shayri | Sunday Shayri
| Raviwar Poetry | Sunday Sad Shayri
हफ्ते भर के थकान का
इतवार सा सुकून हो तुम..❤️
Hafte bhar ke thakan ka
Itvar sa sukoon ho tum..
गैर सरकारी सा हूँ मैं...
मेरे हिस्से में इतवार नहीं है
Gair sarkari sa hu maiñ
Mere hisse me itvar nhi hai
सुकून की बात मत कर ए दोस्त
के बचपन वाला वो इतवार अब नहीं आता
Sukoon ki baat mat kar aye dost
Ke bachpan wala wo itvar ab nhi aata
इतवार हमे शिकायत रहेगी तुझसे
तू हमेशा बड़ी जल्दी में रहता हैं
Itwar hame shikayat rahegi tujhse
Tu hamesha badi jaldi me rahta hai
आओ बैठो कभी साथ किसी इतवार को
मैं वैसा नहीं हू जैसा मिलता हु सोमवार को
Aao baitho kabhi saath kisi itwar ko
Main waisa nahi hu jaisa milta hu somwar ko
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