जनाब जौन एलिया के मुन्ताख़िब अशआर | Beautiful Couplets Of Jaun Elia

Janab Jaun Elia Ke Muntakhib Ash'ar
Best Couplets Of Jaun Elia


उर्दू के गुलशन में कई जादुई खुशबू वाले फूल महके. ऐसे ही एक मकबूल फूल को दुनिया ने शायर जौन एलिया के नाम से जाना.
मुझे लगता हैं के हर तन्हा पसंद शख्स और टूटा, चोट खाया इंसान जौन का मुरीद हैं, जौन ही कहते थे
"जुर्म क्यू किए जाए
खत ही क्यू लिखे जाए"

जनाब का वो जादुई शेर
"मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस 
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं"

ऐसे कौल ‌जौन का ही हो सकता है
वही कहा करते थे
"ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का"

पेश हैं जौन एलिया के लिखे कुछ बेहतरीन शेर जिन्हें ग़ालिबन आपने न सुना हो...


Jaun Elia (1931 - 2002)


सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं 
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं 

"Sari dunia ke gham hamare haiñ
Aur sitam ye ki ham tumhare haiñ."

सदमो से लोग मर नहीं जाते
तुम्हारे सामने हैं मिसाल मेरी

"Sadmo se log mar nahi jate
Tumhare samne hai misal meri."

सिर्फ अपना ख्याल रखना था
ये भी न हो सका हमसे

"Sirf apna khayal rakhna tha 
Ye bhi na ho saka hamse."

वो जो मरने पे तुला हैं
उसने जी कर भी तो देखा होगा

"Wo jo marne pe tula hai
Usne jee kar bhi to dekha hoga."

मुझसे मिलने को आप आए हैं
बैठिए मैं बुला कर लाता हूं

“Mujhse milne ko aap aaye hain,
 Bethiye main bula kar laata hun.”

है वो जान अब हर एक महफिल की
हम भी अब घर से कम निकलते हैं

“Hai wo jaan ab har ek mehfil ki,
Hum bhi ab ghr se kam niklte hai.”

वो जो कहता था कुछ नहीं होता
अब वो रोता हैं चुप नहीं होता

“Wo jo kahta tha kuch nahi hota, 
Ab wo rota hai chup nahi hota.”

मुझे भेजा था दुनिया देखने को
मैं एक चेहरे को ताकता रह गया

“Mujhe bheja tha duniya dekhne ko,
Mein ek chehre ko takta reh gaya.”

वो मिले तो ये पूछना है मुझे
अब भी हूं मैं तेरी आमान में क्या

 “Woh mile toh yeh pochna hai mujhe,
Ab bhi hun main teri amaan main kya.”

ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं 
शुक्रिया मश्वरत का चलते हैं

"Thik hai khud ko ham badalte haiñ
Shukriya mashvarat ka chalte haiñ."



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