10 बेहतरीन शेर क़तील शिफ़ाई के | क़तील शिफ़ाई के चुनिंदा कलाम | क़तील शिफ़ाई साहब के मुंताखिब अशआर
Top Ten Best Sher Of Qateel Shifai | Best Qateel Shifai | Top Ten Couplets Of Qateel Shifai
गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया
लेकिन किसी दरिया में समुंदर नहीं गिरता
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गुनगुनाती हुई आती हैं फ़लक से बूँदें
कोई बदली तिरी पाज़ेब से टकराई है
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जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं
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तुम पूछो और मैं न बताऊं ऐसे तो हालात नहीं
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
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आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ
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उफ़ वो मरमर से तराशा हुआ शफ़्फ़ाफ़ बदन
देखने वाले उसे ताज-महल कहते हैं
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ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मिरे रक़ीब
दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं
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कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
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मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मअ'नी
ये तिरी सादा-दिली मार न डाले मुझ को
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अभी तो बात करो हम से दोस्तों की तरह
फिर इख़्तिलाफ़ के पहलू निकालते रहना
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