Top Most Famous Sher Of Mirza Ghalib | Most Popular Shayri Of Mirza Ghalib

पूछते हैं वो कि 'ग़ालिब' कौन है 

कोई बतलाओ कि हम बतलाएँ क्या


हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 

दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है 


इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया 

वर्ना हम भी आदमी थे काम के 


हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले 

बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले 


न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता 

डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता 


उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ 

वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है 


हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे 

कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और 


बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे 

होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे 


दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ 

रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ


जान तुम पर निसार करता हूँ 

मैं नहीं जानता दुआ क्या है 


हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है 

वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता 


कोई उम्मीद बर नहीं आती 

कोई सूरत नज़र नहीं आती 


मौत का एक दिन मुअय्यन है 

नींद क्यूँ रात भर नहीं आती 


आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी 

अब किसी बात पर नहीं आती 


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