Majrooh Sultanpuri | Top Collection | Main Akela Hi Chala Tha

Top Collection Of Majrooh Sultanpuri | Best Couplets Of Majrooh Sultanpuri 


कोई हम-दम न रहा कोई सहारा न रहा 

हम किसी के न रहे कोई हमारा न रहा 


ऐसे हंस हंस के न देखा करो सब की जानिब 

लोग ऐसी ही अदाओं पे फ़िदा होते हैं 


ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना 

थी आरज़ू कि तिरे दर पे सुब्ह ओ शाम करें 


ज़बाँ हमारी न समझा यहाँ कोई 'मजरूह' 

हम अजनबी की तरह अपने ही वतन में रहे 


'मजरूह' क़ाफ़िले की मिरे दास्ताँ ये है 

रहबर ने मिल के लूट लिया राहज़न के साथ 


जफ़ा के ज़िक्र पे तुम क्यूँ सँभल के बैठ गए 

तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की 


मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर 

लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया 


In Latin Script


koi ham-dam na raha koi sahara na raha

ham kisi ke na rahe koi hamara na raha 


aise hans hans ke na dekha karo sab ki janib 

log aisi hi adaoñ pe fida hote haiñ 


ġham-e-hayat ne avara kar diya varna 

thi aarzu ki tire dar pe sub.h o shaam kareñ 


zabañ hamari na samjha yahañ koi 'majruh'

ham ajnabi ki tarah apne hi vatan meñ rahe 


'majruh' qafile ki mire dastañ ye hai 

rahbar ne mil ke luuT liya rahzan ke saath 


jafa ke zikr pe tum kyuñ sambhal ke baiTh ga.e 

tumhari baat nahi baat hai zamane ki 


maiñ akela hi chala tha janib-e-manzil magar 

log saath aate ga.e aur karvañ banta gaya



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