Tu chahta hai kisi aur ko pata na lage
Me tere sath firu aur muje hawa na lage
Tumhare tak me bahut dil dukha ke pahucha hu
Dua kro k mujhe koi baddua na lage
Tujhe to chahiye hai aur aisa chahiye hai
Jo tujhse Ishq kare aur mubtala na lage
Mai tere baad koi tere jaisa dhoondta hu
Jo bewafai kare aur bewafa na lage
Main isliye bhi udasi me hasne lagta hu
Ki mujhme kisi aur sakhs ki fiza na lage
Saza sunate waqt itna dhyan rakhiyega
Ki faisla kisi zalim ka faisla na lage
Hazar ishq Karo lekin itna dhyan rahe
Ki tumko pahli mohabbat ki baddua na lage
- Abbash Tabish
In Devnagri Script
तू चाहता है किसी को पता ना लगे
मैं तेरे साथ फिरूँ और मुझे हवा ना लगे
तुम्हारे तक मैं बहुत दिल दुखा के पहुँचा हूँ
दुआ करो कि मुझे कोई बद्दुआ ना लगे
तुझे तो चाहिए है और ऐसा चाहिए है
जो तुझ से इश्क़ करे और मुब्तला ना लगे
मैं इसलिए भी उदासी में हँसने लगता हूँ
कि मुझ में और किसी शख़्स की फिज़ा ना लगे
मैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ
जो बेवफ़ाई करे और बेवफ़ा ना लगे
सज़ा सुनाते हुए इतना ध्यान रखियेगा
कि फ़ैसला किसी ज़ालिम का फ़ैसला ना लगे
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे
कि तुम को पहली मुहब्बत की बद्दुआ ना लगे
[अब्बास ताबिश]
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