Rare Collection Of Wasim Barelvi | Best Collection | Wasim Barelvi Ke Chune Hue Sher


क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता 
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता 

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इस में तिरी क्या 
हर शख़्स मिरा साथ निभा भी नहीं सकता

प्यासे रहे जाते हैं ज़माने के सवालात
किस के लिए ज़िंदा हूँ बता भी नहीं सकता 

घर ढूँड रहे हैं मिरा रातों के पुजारी 
मैं हूँ कि चराग़ों को बुझा भी नहीं सकता 

वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए 
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता

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डुबो रहा है कहाँ दर्दे आशक़ी मुझको 
बहुत करीब से तकती है ज़िन्दगी मुझको 

बस एक बार हंसा था मिला के उनसे नज़र 
फिर उसके बाद न आई कभी हंसी मुझको 

करम किया जो मेरे दिल में मुसकराए तुम
बहुत दिनों से ख़ुशी की तलाश थी मुझको 

बदल दिया तब्बसुम को चन्द अश्कों में 
बहुत अज़ीज़ है दुनिया तेरी ख़ुशी मुझको 

'वसीम' उनको भुला तो दिया है दिल से मगर
वह याद आते हैं अब भी कभी कभी मुझको

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वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता


अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे 


शर्तें लगाई जाती नही दोस्ती के साथ,
कीजिए मुझे क़ुबूल मेरी हर कमी के साथ


वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से 
मैं ए'तिबार न करता तो और क्या करता


तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ 
हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है


मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश 
ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी


हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल 
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती


मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है 
कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते

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