बारिश शायरी | Poetry On Rain | Barish Shayri | Top 5 Rain Poetry | Barish Par Shayri

बारिश से दिल का रिश्ता बहुत गहरा होता हैं, और जब बे मौसम बरसात हो तो किसी की याद सताने लगती है तो कभी खुशनुमा सा माहौल लगता है। इस दिल ए बेचैन को करार देती है बारिश। पेश हैं आपके लिए बारिश पर लिखे बेहतरीन शेर



शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
- अहमद फ़राज़

Shayad koi khwaish roti rahti hai
Mere andar baarish hoti rahti hai
- Ahmad Faraz

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई

Door tak chhaye the badal aur kahiñ aaya na tha
Is tarah barsat ka mausam kabhi aaya na tha
- Kateel Shifai

आज फिर देर तक बारिश हुई
आज फिर बहुत याद आये तुम

Aaj fir der tak baarish hui
Aaj fir bahut yaad aaye tum

मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ,
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं

Maiñ tere hijr ki barsat me kab tak bhiguñ
Aise mausam meiñ me to diware bhi gir jati hai

हम से पूछो मिज़ाज बारिश का
हम जो कच्चे मकान वाले हैं
- अशफ़ाक़ अंजुम

Hum se puchho mizaz barish ka
Hum jo kachche makan wale haiñ
- Ashfaque Anjum



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